What Does Shiv chaisa Mean?
What Does Shiv chaisa Mean?
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
Shiv Chalisa is a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his help in eliminating hardships and obstacles in devotee’s existence.
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
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दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के shiv chalisa lyricsl सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
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O Superb Lord, consort of Parvati You happen to be most merciful. You always bless the inadequate and pious devotees. Shiv chaisa Your stunning type is adorned Together with the moon on your own forehead and on the ears are earrings of snakes’ Hood.
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।